tag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post9014986529630717502..comments2023-03-24T06:55:00.652-07:00Comments on मन की बात: भरा-पूरा इंसानAtmaram Sharmahttp://www.blogger.com/profile/11944064525865661094noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-20645655620424549262009-11-09T03:23:45.164-08:002009-11-09T03:23:45.164-08:00दगाबाजी याद रखने की वजह से लोग दुखी होते रहते हैं,...दगाबाजी याद रखने की वजह से लोग दुखी होते रहते हैं, जबकि हमें लोगों के द्वारा दी गई मदद को याद करके खुश होते रहना चाहिए.<br />आपकी ये सूक्ित भी बेहतर है जी।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-38728596496226081982009-11-05T09:23:35.138-08:002009-11-05T09:23:35.138-08:00खुशवंत सिंह की ज्यादातर बातों से सहमति नहीं है। इस...खुशवंत सिंह की ज्यादातर बातों से सहमति नहीं है। इसलिये नहीं कि वे उन्मुक्त विचारधारा के पोषक हैं, अपितु इसलिये कि कहीं-कहीं वे व्यक्तिपूजक से लगते हैं।<br /><br />लेकिन उनके अक्खड़पन और ज़िन्दादिली का बेहद कायल हूँ...कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-64201182245080803332009-10-18T06:35:16.054-07:002009-10-18T06:35:16.054-07:00दीपावली की हार्दिक शुभकामनायेंदीपावली की हार्दिक शुभकामनायेंvikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-33221380232497437942009-10-13T17:37:16.851-07:002009-10-13T17:37:16.851-07:00खुशवन?त सिंह अंग्रेजी के लेखक है हिन्दी मे वे नही ...खुशवन?त सिंह अंग्रेजी के लेखक है हिन्दी मे वे नही लिखते ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-76467469518491907302009-10-03T08:46:58.968-07:002009-10-03T08:46:58.968-07:00खुशवंत सिंह को शायद ही कोई पढने का शौकीन होगा, जिस...खुशवंत सिंह को शायद ही कोई पढने का शौकीन होगा, जिसने ना पढा हो. वो अपने आप मे इस हुनर के सिद्ध हस्त सख्स रहे हैं और शायद आज भी हैं. अब कोई मंजूर करे या ना करे यह एक जुदा बात है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-81756991508939414192009-09-24T18:30:39.481-07:002009-09-24T18:30:39.481-07:00मुझे तो इस बात पर आश्चर्य लग रहा है आखिर मुझ पर ऐ...मुझे तो इस बात पर आश्चर्य लग रहा है आखिर मुझ पर ऐसा घिनौना इल्ज़ाम क्यूँ लगाया गया? मैं भला अपना नाम बदलकर किसी और नाम से क्यूँ टिपण्णी देने लगूं? खैर जब मैंने कुछ ग़लत किया ही नहीं तो फिर इस बारे में और बात न ही करूँ तो बेहतर है! आप लोगों का प्यार, विश्वास और आशीर्वाद सदा बना रहे यही चाहती हूँ!<br />बहुत बढ़िया लिखा है आपने! आपकी लेखनी को सलाम!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-41516964652910196612009-09-17T01:06:30.329-07:002009-09-17T01:06:30.329-07:00aatmaram ji namaskar ,
khushvant ji ka likha to ro...aatmaram ji namaskar ,<br />khushvant ji ka likha to rochak hota hi hai ,hamain aapka likha bhi bhata hai .<br />aap jo blog par dustak dekar hausala afjaai kar dete hain usase rahat milti hai ki chalo kisi ko to theek laga .<br />shukriya ,<br />renu...Renu Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07005735117071191731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-58639499284832855112009-09-15T11:58:00.849-07:002009-09-15T11:58:00.849-07:00खुशवंत सिंह की लेखक गण निन्दा भी करते हैं और उन्हे...खुशवंत सिंह की लेखक गण निन्दा भी करते हैं और उन्हे पढते भी हैं यही तो कमाल है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-70241490958271517382009-09-13T10:10:38.720-07:002009-09-13T10:10:38.720-07:00aapne jo suktiya nikali hai bilkul steek hai .achh...aapne jo suktiya nikali hai bilkul steek hai .achha aalekh .<br />abharशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-47071080183774620632009-09-10T23:43:59.534-07:002009-09-10T23:43:59.534-07:00अल्पना वर्मा के शब्दों के साथ मै खुद को जोड़ रही ह...अल्पना वर्मा के शब्दों के साथ मै खुद को जोड़ रही हूँ ........सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-31761814797433421862009-09-10T15:14:50.911-07:002009-09-10T15:14:50.911-07:00अक्सर लोग अपने अंदर के खोखलेपन से भयभीत होकर दोहरे...अक्सर लोग अपने अंदर के खोखलेपन से भयभीत होकर दोहरेपन का पर्दा लगा लेते हैं. वे चाहते हैं कि हमारे खालीपन को कोई देख न सके और यहीं से शुरू होता है छिपाव का सिलसिला जो ज़िंदगी को नरक में तब्दील होने तक चलता रहता है.<br /><br />Aapki baat se sahmat hoon.sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-1540817935396427162009-09-08T12:22:51.904-07:002009-09-08T12:22:51.904-07:00खुसवंत सिंह अच्छा लिखते थे पर हिंदी जगत मैं उनसे अ...खुसवंत सिंह अच्छा लिखते थे पर हिंदी जगत मैं उनसे अच्छा लिखने वाले भी कई हैं पर वो उतने प्रसिद्द नहीं हो पाए | अपनी अंग्रेजी प्रिय मीडिया ने खुसवंत सिंह को खूब प्रसिद्धि दी जो की आम तौर पे अच्छे हिंदी लेखक के साथ नहीं होता है | <br /><br />फिर भी आपका विश्लेषण बढिया लगा |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-69910886505162382962009-09-08T10:44:25.826-07:002009-09-08T10:44:25.826-07:00सुंदर् रचना.
सिर्फ़ 10 साल मे बना लेगा मानव मस्तिष्...सुंदर् रचना.<br /><a href="http://hindi.kalkion.com/news/74" rel="nofollow">सिर्फ़ 10 साल मे बना लेगा मानव मस्तिष्क!</a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12767868578201017200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-78971272790097793072009-09-07T01:33:30.796-07:002009-09-07T01:33:30.796-07:00KHUHSVANT JI KI KAI PUSTAKEN PADI HAIN MAINE ........KHUHSVANT JI KI KAI PUSTAKEN PADI HAIN MAINE ......... UNKA ANDAAJ ALAG HI HAI LIKHNE KA .... HAAN VO SAB KO PASAND AAYE AISAA NAHI LAGTA ..... <br /><br />BAAKI VO KAISE INSAAN AIN .... YE TO VO HI BATA SAKTE HAIN JO UNKE KAREEB HAIN ........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-58700368444773478492009-09-06T08:05:52.171-07:002009-09-06T08:05:52.171-07:00आपकी जिन पंक्तियों से आलेख शुरू होता है वो काम सरद...आपकी जिन पंक्तियों से आलेख शुरू होता है वो काम सरदार शोभा सिंह भी बखूबी किया करते थे उनकी भारत वर्ष के लिए क्या प्रतिबद्धताएं थी आप इससे अपरिचित हों ऐसा मुझे नहीं लगता.<br />दिल्ली को, पदेलों के किस्सों और सोलह साला लड़कियों के साथ किये जाने वाले व्यवहारिक उपदेशों के लिए ही याद रख पाएंगे इससे अधिक संभावना मुझे नहीं दीखती, शैली को जिस बहादुरी का खिताब दिया जाता है वह मेरी नज़र में सुरेन्द्र मोहन पाठक से भी काफी पीछे है. आपके इस कथन से सहमत हूँ "हालाँकि अपने सुदीर्घ जीवन में खुशवंत सिंह ने भी कथनी और करनी के द्वैत का सामना किया होगा" बस यही किया है.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-7786496448499415482009-09-05T02:39:02.071-07:002009-09-05T02:39:02.071-07:00आपकी एक बात से तो सहमत हूँ , कि , खुशवंत सि...आपकी एक बात से तो सहमत हूँ , कि , खुशवंत सिंह जिंदादिल इंसान हैं ..हैं , उनका लिखा सब कुछ अच्छा नही लगता ये बात अलग है ! आलख तो आपका बेहद अच्छा है,इसमे कोई शक नही...!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-29115782471861986732009-09-04T19:20:18.977-07:002009-09-04T19:20:18.977-07:00आप ने एकदम दुरुस्त फ़रमाया है,
अच्छी प्रस्तुति....ब...आप ने एकदम दुरुस्त फ़रमाया है,<br />अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-66023119299985467222009-09-04T14:12:31.958-07:002009-09-04T14:12:31.958-07:00खुशवंत सिंह जी का दिल्ली पूरा नहीं पढ़ सकी..वह कित...खुशवंत सिंह जी का दिल्ली पूरा नहीं पढ़ सकी..वह किताब किसी ने ली और वापस ही नहीं दी..फिर कभी मौका मिलेगा तो ज़रूर पूरा पढूंगी..उनका व्यक्तित्व भी हमेशा विवादों में रहा..<br />आप ने जो निष्कर्ष निकाले हैं वे मुझे अच्छे लगे.ख़ास कर -अपनी शक्ति पहचानो और ऊर्जावान बनो. लेकिन बनोगे कैसे? क्योंकि हमारी दृष्टि तो केवल दूसरों पर ही बनी रहती है.<br />- सच है यह भी..खुद को ही पहचानना नहीं चाहते हैं हम..Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-33955993572354956182009-09-04T13:08:41.637-07:002009-09-04T13:08:41.637-07:00खुशवंत जी का लिखा मैं भी बहुत पसंद करती हूँ.खुशवंत जी का लिखा मैं भी बहुत पसंद करती हूँ.Dr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-50805991987913661502009-09-04T09:03:55.321-07:002009-09-04T09:03:55.321-07:00सही है..वैसे सबकी अपनी अपनी पसंद!!सही है..वैसे सबकी अपनी अपनी पसंद!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-84960637872725107572009-09-04T06:54:14.600-07:002009-09-04T06:54:14.600-07:00बहुत सही पहचाना आपने..........
सचमुच एक आला तरीन...बहुत सही पहचाना आपने..........<br />सचमुच एक आला तरीन ज़िन्दगी जीने का यही अंदाज़ है जो खुशवंत सिंह जी को अनेक से अलग कर देता है<br />आपका नजरिया सटीक ..........और सुरुचिपूर्ण है<br />बधाई !<br />बहुत बहुत बधाई !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-87252284369791574782009-09-04T06:35:21.543-07:002009-09-04T06:35:21.543-07:00जी मैं भी आपकी मंडळी में हूँ -खुशवंत सिंह मेरे भी ...जी मैं भी आपकी मंडळी में हूँ -खुशवंत सिंह मेरे भी प्रिय लेखक हैं -मगर गोबर पट्टी यह नहीं मानती !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3760252429097979220.post-36258133027125974152009-09-04T05:06:00.093-07:002009-09-04T05:06:00.093-07:00Sir Jee, Zaroori Nahi Hai Ki Jo Dikh Raha Hai, Vai...Sir Jee, Zaroori Nahi Hai Ki Jo Dikh Raha Hai, Vaisa Hi Ho. Kabhi-Kabhi Jo Nahi Dikhta Vahi Haqiqat Hoti Hai...Dileepraaj Nagpalhttps://www.blogger.com/profile/15936510510123199146noreply@blogger.com